विषय
- #गर्मजोशी
- #भावुकता
- #शीतकालीन कविता
- #आशा
- #सान्त्वना
रचना: 2025-01-16
रचना: 2025-01-16 21:25
[स्वरचित कविता] हृदय को गर्म करने वाली शीतकालीन कविता, शीत ऋतु की गर्मजोशी
नमस्ते, सब लोग! आज मैं आप लोगों के साथ एक ऐसी कविता साझा करने जा रहा हूँ जो आपके दिल को गर्म कर देगी।
ठंडी सर्दियों के दिनों में, खिड़की के बाहर सफेद बर्फ गिर रही है और तेज हवा चल रही है, इस समय हमारे मन में भी थोड़ी सी ठंडक महसूस होती है। ऐसे में, मैं आप सबके लिए एक ऐसी कविता साझा करना चाहता हूँ जो आपको आराम दे, "शीत ऋतु की गर्मजोशी"।
इस कविता में पहली बर्फ की तरह निर्मल और गर्म दिल से एक-दूसरे का सहारा देने और एक-दूसरे का साथ देने की भावना है। ठंडे सर्दियों के दिनों में, खिड़की पर पाले की बर्फ के फूल खिले हुए हैं, जैसे छोटे-छोटे पक्षी एक-दूसरे की गर्मी साझा करते हैं, क्या हम भी एक-दूसरे के लिए गर्मजोशी नहीं दिखा सकते?
विशेष रूप से, आखिरी पंक्ति "यहाँ तक कि एक खिलते हुए बेर के फूल की तरह, हर ठंडे दिल तक पहुँचकर, मैं वसंत का संदेश देना चाहता हूँ" वाक्य बहुत ही प्रभावशाली है। यह कहता है कि, चाहे कितनी भी लंबी और कठोर सर्दी क्यों न हो, आखिरकार वसंत आ ही जाएगा।
मुझे उम्मीद है कि यह कविता आपके दिलों तक गर्मजोशी पहुँचाएगी। अगर आपके आस-पास कोई परेशान है, तो क्या आप इस कविता को उसके साथ साझा नहीं करेंगे? आज का दिन भी खुशियों से भरा रहे! 💕
<शीत ऋतु की गर्मजोशी>
पहली बर्फ की तरह धीरे-धीरे गिरती हुई
दुनिया के दुखों को ढँकते हुए
मेरे दिल के बर्फ के टुकड़े बनकर
ठंडी धरती को गले लगाऊँगा
खिड़की के शीशे पर जमी बर्फ को साफ़ करते हुए
दर्द भरे दिल को भी साफ़ करना चाहता हूँ
सर्दियों की धूप की तरह गर्मजोशी से
आपके पास चमकना चाहता हूँ
जब तेज हवाएँ चलती हैं
जैसे छोटे-छोटे पक्षी इकट्ठे होते हैं
एक-दूसरे का तापमान साझा करते हुए
अकेली रात को सहेंगे
सर्दियों के आखिर में खिलने वाले
बेर के एक फूल की तरह
हर ठंडे दिल तक पहुँचकर
वसंत का संदेश देना चाहता हूँ
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