विषय
- #फूल
- #स्वरचित कविता
- #व्यक्तित्व
- #आत्म-चिंतन
- #चंगाई
रचना: 2024-10-18
रचना: 2024-10-18 21:29
अपनी रचित कविता, फूलों की कविता, तुम्हारा फूल
"तुम्हारा फूल" - अपना रंग बिखेरना
आज की रचित कविता: "तुम्हारा फूल"
गर्मियों के फूलों के बगीचे के शांत दृश्य में, हम अपनी अनोखी सुंदरता का गुणगान करते हैं।
यह कृति दूसरों की नकल किए बिना, अपने रंग की खोज की यात्रा को दर्शाती है।
बैंगनी फूल, वानर फूल, ट्यूलिप - विभिन्न फूल अपनी प्रकृति को बनाए रखते हुए खिलते हैं, हमें याद दिलाते हैं कि हम भी अपना अनोखा आकर्षण दिखा सकते हैं।
"तुम कौन सा फूल हो, तुम्हारी क्या खुशबू है?"
यह अंतिम पंक्ति हमारे अंदर गहराई से पूछती है। आप कौन सा फूल हैं? आप किस खुशबू को समेटे हुए हैं?
आज, थोड़ा रुककर अपने भीतर के फूल को देखें।
अपनी छिपी हुई सुंदरता को खोजें, और उसे दुनिया के सामने खोलने का साहस करें।
[पूरा पाठ]
<तुम्हारा फूल>
गर्मियों का फूलों का बगीचा
खामोश फूलों से रंगा हुआ है
जंगली फूलों के अंतर में हम
सुंदरता पाते हैं
बैंगनी फूल गुलाब बनने के लिए
अपने आप को लाल रंग में नहीं रंगता
वानर फूल सूरजमुखी बनने के लिए
आकाश की ओर नहीं देखता
ट्यूलिप डेज़ी बनने के लिए
पूरी तरह से नहीं खिलता
हम दूसरों की
नकल क्यों करते हैं इतना लगातार?
क्यों तुम देखते हो, तुम्हें आकर्षण है
और तुम्हें हीनता का अनुभव होता है?
तुम कौन सा फूल हो?
तुम्हारी क्या खुशबू है?
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