विषय
- #भावना
- #सुबह
- #पतझड़ की कविता
- #कॉस्मोस
- #प्यार
रचना: 2024-11-07
रचना: 2024-11-07 21:13
नवंबर का अच्छा समय, अच्छी कविता, नारंगी रंग का प्यार
शरद ऋतु की सुबह, कॉसमॉस के बगीचे में मिले प्रेम के क्षणों की कविता
सुबह की ओस से सराबोर खेत में
अकेलापन भी सो गया
केवल शांति बची हुई थी उस समय
अचानक आपका आगमन हुआ
जैसे इंतज़ार कर रहे थे
डोलते हुए कॉसमॉस की तरह
मेरा मन भी उत्साह से नाच रहा था
ओस से सराबोर पंखुड़ियों की तरह
आपके प्रति मेरा मन भी
शांत रूप से खिल गया
आपके नाम की
गर्म शरद ऋतु की धूप
मेरे मन में समा गई
कॉसमॉस से भी ज़्यादा सुंदर
हमारी कहानी खिल रही है
सुबह से लेकर सुबह तक
अकेलापन प्यार में बदल रहा है
हमारा विशेष पल
इस कविता में समेट लिया है।
आपके दिन में भी
नारंगी रंग का प्यार भरा रहे..
<नारंगी रंग का प्यार>
सुबह की ओस
गहरे शरद ऋतु के खेत में
ओस भी पंखुड़ियों पर जम गई
अकेलापन भी सो जाता है
सुबह का स्वागत करते हुए
स्वच्छ मन से
अकेले खिलकर सुबह का स्वागत करती है
हवा में झूलते हुए नाचती है
दूर सुनहरे सूरज की ओर
आपका आगमन
अचानक आप
शरद ऋतु की हवा के साथ मेरे पास आए
नारंगी रंग की मुस्कान खिल उठी
मेरे अंदर आप
मेरे मन में आप कॉसमॉस हैं
मेरे दिल में आप शरद ऋतु हैं
मेरे जीवन में आप धूप हैं
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