विषय
- #अकेले जाओ
- #मन की शांति
- #धर्मगुरु जी
- #सुत्तनिपात
- #जीवन का ज्ञान
रचना: 2024-10-12
रचना: 2024-10-12 13:44
जैसे बैल के सींग की तरह अकेले चलो, सुत्तनिपात, धर्मगुरु जी
शांत मन की शांति पाने के लिए, जैसे बैल के सींग की तरह अकेले चलो, सुत्तनिपात, धर्मगुरु जी के ज्ञान को साझा करते हैं।
[पूर्ण पाठ]
जैसे बैल के सींग की तरह अकेले चलो, सुत्तनिपात, धर्मगुरु जी
जैसे शेर आवाज से नहीं डरता
जैसे हवा जाल में नहीं फंसती
जैसे कमल गंदे पानी से नहीं सना होता
जैसे बैल के सींग की तरह अकेले चलो
इस छोटे से अंश का गहरा अर्थ:
शेर: दुनिया के शोर से अडिग रहना
हवा: किसी भी बंधन से मुक्त होना
कमल: मैले दुनिया में भी अपनी पवित्रता बनाए रखना
बैल: अपने रास्ते पर अकेले चलने की स्वतंत्रता
हमारा जीवन निरंतर चुनौतियों और प्रलोभनों से भरा होता है।
लेकिन अगर हम इस ज्ञान को अपने दिल में रखकर आगे बढ़ते हैं,
तो किसी भी परिस्थिति में हम अडिग रह सकते हैं।
आज, इस बात को याद रखते हुए
अपने लिए शांति का पल बनाएं, क्यों न करें?
#सुत्तनिपात #धर्मगुरु #बैलकेसींग
#जीवनकाज्ञान #मनकीशांति #आत्मचिंतन #बौद्धवाणी #ध्यान #मनकाउपचार
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